ESSAY no 6 judicial reform under shadow of new laws
Ameliorate judicial system
Part 2
भारतीय न्याय संहिता बढ़ते आंतकवाद और अलगाववाद को शामिल और परिभाषित किया गया है ।जो देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालता है ।यह अधिनियम राजद्रोह का विध्वंस करता है जिसकी व्यापक रूप से आलोचना हो रही थी ।यह धारा भाषण की स्वतंत्रता और विचारों की असहमति पर अंकुश लगाया करता था ।
Soaring terrorism and separatism are included and defined in Bhartiya Naya sahita which put integrity and sovereignty into danger.this act annihilates sedition throughly which was being criticised/denounced throughly .this section used to rein over liberty of speech and dissent/disagreement of thoughts
यह नया कानून न्यायिक प्रणाली में समुन्द्र मंथन का काम करता है माब लिंचिग एक वीभत्स और घिनौना अपराध है जो समाज के माथे पर एक कलंक , अभिशाप और दाग है ।यह अधिनियम ऐसे घटिया अपराध के लिए मृत्यु दंड की सजा सुनाता है । महिलाओं के साथ शादी के नाम पर झुठे वादे किये जाते हैं और उनका शारीरिक शोषण किया जाता है ऐसे धोखे को रोकने के लिए 10 वर्ष की कैद को सुनाया जा सकता है।
This new law works as churning up ocean in judicial system .mob lynching is a heinous and gruesome crime which is stigma , scourge and scar on forehead of society .this act pronounces capital punishment for such sordid offence .the fake commitments are done with women in the name of marriage and they are exploited physically.ten years imprisonment is pronounced to prevent such cheating
यदि कोई अपराध सात वर्ष या उससे अधिक सजा से संबंधित है तो पुलिस को मामला वापस लेने से पहले पीड़ित से परामर्श करना पडेगा।इस महत्वपूर्ण कदम से न्याय से पीड़ित को समझोता नहीं करना पड़ेगा ।यह कानुन फरार अपराधीयो को सजा सुनाने की अनुमति देता है ।फरार अपराधी कानुन की गरीमा से खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं ।
If any offence is related with seven years or more than seven years imprisonment ,the police will have to consult with /,conference with victim before withdraw the matter.this law permits pronouncing punishment to the absconders . fugitive offenders cannot juggle with dignity of law.
इस दिशा मे यह महत्वपूर्ण और कठोर कदम है कोई भगौड़ा कानून को चकमा नहीं दे सकता है ।यह कानून पुलिस को जवाबदेह और पारदर्शी बनाता है पुलिस को शिकायत की स्थिति में 90 दिन में सुचित करना पड़ेगा।किसी भी भगौड़े को कानून की गिरफ्त में लाया जा सकता है ।
This is significant and stern stem towards in this direction .any fugitive cannnot bluff the law it come rain or shine . Any absconder can be shackled by this law .this law makes the police more transparent and amenable .the police will have to inform police to court within 90 days in the case of complain .
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