Artificial intelligence part 4
Artificial intelligence part 4
यह प्रणाली नये वातावरण में खुद को ढाल सकती है और विषम परिस्थितियों के अनुसार अपने में सुधार कर सकती है। इसप्रकार ए आई तकनीक और अंतरीक्ष अनुसंधान एक दुसरे की परछाई है।ए आई अंतरीक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण और अपरिहार्य भुमिका निभाता है चैट जीपीटी ए आई का अविश्वसनीय अवतार है।सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ए आई तकनीक अपने अस्तित्व के प्रति अत्यधिक संवेदनशील और जागरूक होता है ।
This system can acclimatize itself to new scenario easily and reform in itself according to odd circumstances .in this way AI technique and space research are shadow of each other .AI plays a significant and inevitable role is space research.chat GPT is incredible incarnation of AI.this is the significant fact that AI technique is excessive technique sensitive and awareness to wards its existence .
समाज और राष्ट्र को अत्यधिक फायदा देने के लिए ए आई तकनीक एक शानदार आयाम है। प्रकृति का यहअटल नियम है कि बिना फुलों के हम कांटों की कल्पना नहीं कर सकते हैं ।ए आई एक तकनीकी है जो कभी कभी असुरक्षित और अस्पष्ट निर्णय ले सकती है । पारदर्शी ए आई तकनीक हो ने के लिए इस प्रणाली को एक लंबा और पथरीला रास्ता तय करना पडेगा.यह तकनीक रोजगार को अजगर की तरह निगल सकती है ।
AI technique is a tremendous magnitude to give excessive profit to society and nation .this is standfast rule of nature that we cannot imagine flowers without thorns . AI is a technique which can sometimes take insecure and ambiguous decision .this system will have to pass a long and Stoney path to become a transparent system .this technique may gulp opportunities of employment.
एक मानव ना तो रोबोट को पछाड सकता है ना ही मात दे सकता है। ए आई मानवीय भावना और रचानात्मक के साथ खिलवाड़ कर सकता है इस तकनीक का नैतिकता और व्यावहारिकता से छत्तीस का आंकड़ा होता है ।यह तकनीक बढ़ती हुई निष्क्रियता और आलस्य को जन्म देती है ।
A human being can neither outshine not outpass a Robot in any condition .AI can juggle with human feelings and creativity .this technique has poles apart distance from morality and practicality.this technique engenders inactivity and laziness/lethargicness.
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