Judicial reform part 5
Conclusion
यह बात सौलह आने सच है कि पारदर्शी न्याय एक आम आदमी के दायरे से बाहर है ।बढ़ते हुए लंबित वाद और न्यायधीशों की कमी इस महत्वपूर्ण समस्या में आग में घी का काम करती है ।एक आम आदमी को मंहगे मुकदमेबाजी के कारण न्याय के लिए तरसना और भटकना पड़ता है ।
This is truism that transparent justice is beyond a common person ambit /reach .soaring pending cases and scarcity of judges add fuel to the fire in this seminal problem .a common person has to pine and wander for justice due to expensive litigation .
Pocso और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए त्वरित और कठोर न्याय प्रदान किया जाना चाहिए । न्यायिक प्रक्रिया को भाई भतीजावाद से छतीस का आंकड़ा रखना चाहिए ।लोगों की आस्था की अंतिम मंजिल न्याय का मंदिर होता है जहा वे अपनी उम्मीद के आंचल में न्याय पाना चाहते हैं ।
Speedy /swift and stern punishment must be provided to offenders of pocso and rapist .judicial proceedings should keep poles apart distance with nepotism . The temple of justice is the last destination of people 's belief where they want to get justice in the lap of hope /expectation.
लोग न्याय तंत्र और विधी के शासन में अंधा भरोसा करते है।कानुनी ढांचे और कानुनों में सुधार ,कानुनी शिक्षा में सुधार,जनता में विधिक जागरूकता पैदा करना, न्याय को त्वरित और सस्ता बनना न्यायिक सुधार में शामिल किया जा सकता है। न्यायिक संस्था और विधी का शासन आधुनिक सभ्यता और लोक तांत्रिक शासन की नींव का पत्थर है। न्यायिक प्रकिया के लिए उतरादायी और पारदर्शी व्यवस्था को स्थापित करना चाहिए।
The people rely on judicial mechanism and regime of law blindly .to reform in legal structures and laws ,to improve legal education ,to create legal awareness in public ,to make cheap and Swift justice can be included in judicial reform.judicial organisation and regime of law are corner stone of modern civilization and democratic regime . responsible and transparent arrangement should be established for judicial process.
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