Homo sexuality ----a burning issue of society
Homosexuality ---a burning issue of society
Right of homosexual community
Part 1
समलैंगिक विकासशील समाज का एक विवादित और ज्वलंत मुद्दा है । समलैंगिक वे लोग होते है जो समान लिंग के प्रति आकर्षित होते हैं ।ये सामाजिक अवधारणा शारीरिक आकर्षण , सामाजिक मेलजोल और कायदे कानुनों का विचित्र संगम है ।जो पुरुष पुरुष के प्रति आकर्षण रखता है वह पुरुष समलैंगिक और जो महिला महिला के प्रति आकर्षण रखती हैवह महिला समलैंगिक कहलाती है।
Homosexuality is a controversial and burning issue of developing society . homosexual people are those people who attract towards same gender .this social concept is bizarre minglement of physical attraction ,social coordination and rules regulations.if any man attracts towards a man ,he is known as gay and if a woman attracts towards a woman she is known as lesbian .
इस सारे विचित्रताओं से भरा समाज LGBT समुदाय कहलाता है । सामाजिक रूढ़िवादी दायरो में समलैंगिकता एक चर्चा का विषय है ।इस विचारणीय समस्या के तर्क और वितर्क दोनों है । कुछ लोग इसे अप्राकृतिक और मानसिक बीमारी मानते हैं । समलैंगिकता सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था ध्वस्त कर सकती है ।
This society is known as LGBT community which has filled with bizarreness . homosexuality is talking of town .there are too many pros and cons of this ponderable problem .some people assumed it as a unnatural and mental disease.homosexuality may demolish social and family arrangement .
समलैंगिकता एक ऐसा विचित्र और विवादित विषय है जहां मानव जीवन दो समान्तर मानसिकता पर गति करता है ।इस मुद्दे पर बातचीत करना अंगारों पर चलने के समान है ।इस मानसिक स्थिति को एक अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है ।मगर दर्पण तोड़कर चेहरा खुबसूरत नहीं बनाया जा सकता है । सामाजिक ताने बाने को इस कड़वे सच का सामना करना पड़ेगा ।
Homosexuality is a bizarre and controversial issue where human life moves on two parallel mentality.to discuss over this matter is akin to walk on cinders .this mental condition has to face ordeal . having broken mirror ,a face cannot be made beautiful.social web will have to face this bitter truth .
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