Contract act
अध्याय दो अनुबंध, शून्यकरणीय अनुबंध और शून्य समझौते धारा 10. अनुबंध क्या समझौते हैं---- सभी समझौते अनुबंध हैं यदि वे पक्षों की स्वतंत्र सहमति से बनाये गये हों अनुबंध करने में सक्षम वैध प्रतिफल के लिए तथा वैध उद्देश्य से और इसके द्वारा स्पष्ट रूप से शून्य घोषित नहीं किया जाता है इसमें निहित कोई भी बात भारत में लागू किसी भी कानून पर प्रभाव नहीं डालेगी और इसके द्वारा स्पष्ट रूप से निरस्त नहीं किया गया जिसके द्वारा किसी भी अनुबंध को लिखित रूप में करना आवश्यक है या गवाह की उपस्थिति में या दस्तावेजों के पंजीकरण से संबंधित किसी कानून के तहत। ************ यदि कोई नाबालिग किसी अनुबंध में प्रवेश करता है तो यह शून्य या शून्यकरणीय होगा। इस भेदभाव का निर्णय 1984 में किया गया था। Mohari Bivi versus Dharamdas ghosh इस मामले के निर्णय के बाद यह निर्णय लिया गया है कि नाबालिग के साथ किया गया अनुबंध पूर्णतः अमान्य है। इस मामले के तथ्य ---- वादी नाबालिग था, वह अपना मकान गिरवी रखकर 20,000/- रुपये का ऋण लेना चाहता था।...