Contract act section 10 to 14

   अध्याय दो

अनुबंधों, शून्यकरणीय अनुबंधों और शून्य समझौतों के संबंध में


धारा 10--कौन से समझौते अनुबंध हैं ----

सभी समझौते अनुबंध हैं यदि वे अनुबंध करने के लिए सक्षम पक्षों की स्वतंत्र सहमति से किए जाते हैं 

वैध प्रतिफल के लिए और वैध उद्देश्य के साथ 

और इसके द्वारा स्पष्ट रूप से शून्य घोषित नहीं किए जाते हैं 


इसमें निहित कोई भी बात भारत में लागू किसी भी कानून को प्रभावित नहीं करेगी और इसके द्वारा स्पष्ट रूप से निरस्त नहीं की जाती है। 

जिसके द्वारा किसी अनुबंध को लिखित रूप में या गवाहों की उपस्थिति में या दस्तावेजों के पंजीकरण से संबंधित किसी कानून में किया जाना आवश्यक है 

महत्वपूर्ण बिंदु 

1.अनुबंध तैयार करने के लिए प्रस्ताव को स्वीकार करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे संप्रेषित करना बहुत आवश्यक है। 


2.जब कोई प्रस्ताव स्वीकार कर लेता है और उस पर विचार करता है तो अनुबंध संपन्न हो जाता है 

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धारा 11. जो अनुबंध करने के लिए सक्षम हैं ---

प्रत्येक व्यक्ति अनुबंध करने में सक्षम है 

जो उस कानून के अनुसार वयस्कता की आयु का है जिसके अधीन वह है 

और जो स्वस्थ मन का है 

और वह किसी भी कानून के अधीन अनुबंध करने से अयोग्य नहीं है।


महत्वपूर्ण तथ्य 

कोई भी अनुबंध जो किसी नाबालिग के साथ इस प्रकार का संपर्क किया जाता है, प्रारंभ से ही शून्य है


मोहरी बीवी बनाम धरमदास घोष 1903



धारा 12. अनुबंध के प्रयोजनों के लिए स्वस्थ मन क्या है ------

एक व्यक्ति को स्वस्थ दिमाग वाला कहा जाता है 

अनुबंध करने के उद्देश्य से 

यदि उस समय जब वह इसे बनाता है 

वह इसे समझने में सक्षम है और अपने हितों पर इसके प्रभाव के बारे में तर्कसंगत निर्णय लेने में सक्षम है।

एक व्यक्ति जो सामान्यतः विकृत मस्तिष्क का होता है, किन्तु कभी-कभी विकृत मस्तिष्क का भी हो सकता है, वह स्वस्थ मस्तिष्क में रहते हुए भी अनुबंध कर सकता है।

एक व्यक्ति जो सामान्यतः स्वस्थ मन का होता है, किन्तु कभी-कभी अस्वस्थ मन का भी हो सकता है, वह स्वस्थ मन होने पर भी अनुबंध नहीं कर सकता। 

रेखांकन 

एक मरीज पागलखाने में है जो कि मानसिक रूप से स्वस्थ है 

उन अंतरालों के दौरान संकुचन हो सकता है

एक समझदार व्यक्ति जो बुखार से बेसुध है या जो इतना नशे में है कि वह किसी अनुबंध की शर्तों को नहीं समझ सकता या अपने हित पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में तर्कसंगत निर्णय नहीं ले सकता। 

इस तरह के प्रलाप या 

नशे

महत्वपूर्ण बिंदु 

श्रीमती नीलिमा घोष बनाम हरजीत कौर

अनुबंध के समय पक्षकारों का मानसिक संतुलन ठीक होना चाहिए 

अस्वस्थ्य व्यक्ति अनुबंध में प्रवेश नहीं कर सकता 

अनुबंध के समय मानसिक अस्वस्थता होनी चाहिए तथा चिकित्सा प्रमाण पत्र उपलब्ध होना चाहिए।

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धारा 13 सहमति परिभाषित 

-----दो या अधिक व्यक्तियों की सहमति मानी जाती है 

जब वे एक ही बात पर एक ही अर्थ में सहमत होते हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु 

स्मिथ बनाम हेह्यूज 

लॉर्ड हेयनन के अनुसार, अनुबंध के दोनों पक्षों को अनुबंध के अवयवों को समान अर्थों में समझना चाहिए। 


धारा 14 स्वतंत्र सहमति की परिभाषा --- सहमति तब स्वतंत्र कही जाती है जब वह ------ के कारण न हो

1. धारा 15 में परिभाषित बलप्रयोग या 

2. धारा 16 में परिभाषित अनुचित प्रभाव या 

3. धारा 17 में परिभाषित धोखाधड़ी या

4. धारा 18 में परिभाषित गलत प्रस्तुति 

5. धारा 20,21 और 22 के प्रावधान के अधीन गलती

सहमति तब दी गई कही जाती है जब वह बलप्रयोग, अनुचित प्रभाव, कपट, मिथ्याबयान या भूल के अभाव में नहीं दी गई होती।

देवानंद बनाम खोटे 

वह सहमति जो जबरदस्ती, अनुचित प्रभाव, धोखाधड़ी, गलत बयानी और गलती से प्राप्त की गई हो 

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